LPG सिलेंडर: 22 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022–2024 का आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में प्रस्तुत किया। यह सर्वेक्षण 2024 के बजट से एक दिन पहले पेश किया गया था, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति का विस्तार किया गया था। हम इस लेख में आर्थिक सर्वेक्षण में मुद्रास्फीति और ईंधन कीमतों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
ऊर्जा मूल्य में गिरावट
आपको बता दे की आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वैश्विक ऊर्जा मूल्य सूचकांक वित्त वर्ष 2024 में काफी गिर जाएगा। यह गिरावट विश्व भर में गैस और तेल की कीमतों में गिरावट का संकेत है, जो भारत जैसे ऊर्जा आयातक देशों के लिए अच्छा संकेत है।
सरकार द्वारा गैस की कीमतों में कटौती
आपको बता दे की केंद्र सरकार ने इस अवधि में एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की। बता दे की यह कदम आम जनता को राहत देने और महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया।
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घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कमी
सरकार ने अगस्त 2023 में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, सितंबर 2023 से एलपीजी की मुद्रास्फीति नकारात्मक क्षेत्र में चली गई, अर्थात पिछले वर्ष की तुलना में कीमतें कम हो गईं।
पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी कमी
आपको बता दे की केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की। उपभोक्ताओं को राहत मिली क्योंकि इस कटौती से पेट्रोल और डीजल की खुदरा मुद्रास्फीति गिर गई।
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सरकार के प्रयासों का महत्व
आपको बता दे की आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार द्वारा ईंधन की लागत कम करने की कोशिशों का विशेष उल्लेख है। यह साबित करता है कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने और आम लोगों को पैसे देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने ईंधन कीमतों को नियंत्रित करने और मुद्रास्फीति को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसा कि आर्थिक सर्वेक्षण २०२०-२३ से पता चलता है।
एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी ने आम लोगों को राहत दी है, साथ ही आर्थिक हालात को भी सुधार दिया है। भारत के लिए अल्पकालिक मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण को वैश्विक ऊर्जा मूल्यों में गिरावट और सरकारी नीतियों के संयोजन ने सकारात्मक बना दिया है।